मेथी के बीज अभी तक हमने मसाले के रूप में अथवा सब्जी के रूप में प्रयोग किए हैं। अधिकांश लोगों को यह जानकारी नहीं है कि, मेथी दाने की 'स्वास्थ्य वर्धक' एवं 'स्वादिष्ट चाय'बनाई जा सकती है। पहले हम मेथी दाने की चाय बनाने की प्रक्रिया जानेंगे, फिर उसके लाभ को भी समझेंगे मेथी के बीज को मिक्सर में पीसकर 'पाउडर' बना लें पाउडर को एक कप उबले हुए पानी में, 1/4चम्मच 'पाउडर' भिगोकर 1 घंटे या अधिक समय के लिए छोड़ दें। जितना अधिक देर तक छोड़ेंगे, उतना ही मेथी के 'मिनरल्स' व 'विटामिन' पानी में ज्यादा आएंगे। मेथी दाना पाउडर पानी में डालकर उबाले नहीं। अन्यथा इसके
मिनरल्स व विटामिन के नष्ट होने की संभावना हो जाती है उक्त पानी को छान लें; स्वाद के लिए शहद और नींबू डालें। इसे पुनः हल्का सा गर्म करके अथवा ठंडा ही पीजिए। अपने हिसाब से स्वाद बनाने के लिए गुड़, शकर, चाय की पत्ती, हल्का सा काला नमक “मेथी दाना” की चाय से एडजस्ट कर सकते हैं। इसे दिन में एक बार से ज्यादा ना लें और गर्मी के मौसम में इसे ठंडा ही पीते हैं। क्योंकि इसकी तासीर काफी गर्म होती है। अधिक मात्रा में लेने से घबराहट बेचैनी तथा ब्लीडिंग की समस्या उत्पन्न हो सकती है मांस पेशियों में तुरंत रक्त संचार तेज कर देती है, जिससे शरीर की सारी थकान व कमजोरी दूर हो जाती है। मांस पेशियों को मजबूत करने में सहायक है शरीर ऊर्जा से भर जाता है। यह पूरी तरह प्राकृतिक है; इसमें कोई नकारात्मक केमिकल पैदा नहीं होते साथ ही मेथी के अन्य लाभ जैसे: मधुमेह पर कंट्रोल, रक्तचाप पर कंट्रोल, उच्च कोलेस्ट्रॉल पर कंट्रोल,
संक्रमण रोधी, फाइबर की प्रचुर मात्रा होने से 'पाचन में सहायक' आदि अनेक लाभ प्राप्त होते हैं गठिया सूजन दर्द में राहत प्रदान करता है 'फाइबर' अधिक होने के कारण, यह वजन कम करने में अत्यंत प्रभावी है मेथी दाना की चाय” का एक अन्य प्रयोग इस प्रकार है: मेथी पाउडर उबले हुए पानी मैं बिना कुछ मिलाए, सिर धोने से सिर की रूसी समाप्त होती है। बालों की जड़ों को ताकत मिलती है । बाल काले होते हैं पाउडर युक्त उबले हुए पानी से मुंह, हाथ, त्वचा इत्यादि धोने से त्वचा साफ होती है, 'एक्जिमा' से मुक्ति मिलती है फोड़े फुंसी व अन्य 'बैक्टीरिया जनित' कई प्रकार के रोगों के उपचार में यह काफी प्रभावी पाया गया है चाय में से बचे हुए मेथी पाउडर को, शहद, दही, हरी चाय का पाउडर,नींबू रस के साथ मिलाकर; चेहरे पर 'पेस्ट' की भांति लगाकर छोड़ देना चाहिए। सभी सामग्री आदर्श स्थिति के लिए है।1-2 सामग्री कम होने पर भी इसका' पेस्ट' बनाकर प्रयोग कर सकते हैं। सूखने पर उसे ठंडे पानी से धोना चाहिए। इस प्रक्रिया में चेहरे के फोड़े-फुंसी, पिंपल्स, दाग-धब्बे, झाइयां इत्यादि को निकालने में सहायता मिलती है।


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