सवाई माधोपुर निवासी श्याम (परिवर्तित नाम) पिछले 10 सालों से परेशान थे. उनके पेट में दर्द, गोला बनना, घबराहट, बैचेनी होती थी. सोनोग्राफी, सीटी स्कैन, एंडोस्कोपी आदि जाँच के बाद भी रोग पता नहीं हुई. फिर मनोचिकित्सक को दिखाया. जाँच में पता चला कि उन्हें सोमेटोफॉर्म डिसऑर्डर रोग है. यह एक मानसिक रोग थी, जो काउंसलिंग-दवा से अच्छा हो गई. ऐसे मरीज ठीक उपचार के अभाव में भटकते हैं.
क्या है यह रोग
क्या है यह रोग
सोमेटोफॉर्म ग्रीक शब्द "सोमा" से है. इसका अर्थ मनो: शारीरिक रोग अर्थात मनोविकार से होने वाले शारीरिक लक्षण, तनाव या तो डिप्रेशन है. इसमें रोग उदासी के रूप के साथ शरीर के किसी हिस्से में दर्द रूप में भी लक्षण देती है.
यह पेन डिसऑर्डर है
यह पेन डिसऑर्डर है
यह एक प्रकार का "पेन डिसऑर्डर" होता है जिसमें बीमार के शरीर के किसी हिस्से में दर्द बना रहता है. यह दर्द जोड़, पेट, माहवारी, हाथ-पैरों, सिर, किसी सर्जरी और चोट जैसे भी होने कि सम्भावना है जो दर्द की दवाओं से अच्छा नहीं होता है. अन्य लक्षणों में गहरी सांस लेना और रुकावट आना, दम घुटना, पेट दर्द, आफरा, बार बार शौच जाना, मिर्गी जैसे दौरे पडऩा, बार बार लकवे होना, आकस्मित हाथ पैरों में कमजोरी या ठंडे होना आदि.
सभी जांचें सामान्य होती हैं
इसमें रोग के लक्षण दिखते, दर्द भी होता है लेकिन जांचों में कुछ पता नहीं होता है. मनोचिकित्सक मरीज की काउंसलिंग कर रोग का पता लगाते हैं. इसके लक्षण शारीरिक होते हैं. इसलिए मरीज इधर-उधर उपचार करवाता रहता है. इस रोग का उपचार लंबा चलता है.


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