अमूमन जटिल चीजों को आम बना देने का हुनर हर किसी में नहीं होता है, लेकिन प्रसून जोशी आम चीजों को खास बनाना बखूबी जानते हैं। ये टैगलाइन उनके इसी हुनर का उदाहरण है, जिनसे आज देश का बच्चा-बच्चा वाकिफ है। बॉलीवुड के मशहूर गीतकार और लेखक प्रसून जोशी बुधवार को अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। 16 सितंबर साल 1971 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा में पैदा हुए प्रसून को बचपन से ही कविताएं लिखने का बहुत शौक था। वो बड़े होकर लेखक बनना चाहते थे। उनके इसी जुनून का नतीजा था कि महज 17 साल की उम्र में ही उन्होंने अपनी किताब ‘मैं और वो’ लिख दी थी। प्रसून ने भौतिक विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद एमबीए की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने 10 साल तक दिल्ली स्थित एक विज्ञापन कंपनी में काम किया। प्रसून फिल्म इंडस्ट्र का हिस्सा बनना चाहते थे।
लिहाजा मायानरी ने उनके हुनर को तराशा और उन्होंने बतौर गीतकार फिल्म लज्जा से बॉलीवुड के एंट्री की। इसके बाद प्रसून के सितारे बुलंदी छूने लगे उन्होंने फिल्म हम तुम, रंग दे बसंती, तारे जमीन पर, ब्लैक, दिल्ली 6, लंदन ड्रीम्स, गजनी और सत्याग्रह जैसी कई सुपरहिट फिल्मों के गाने लिखे। इसी के साथ प्रसून बी-टाउन के मशहूर लेखक और एक जाना-माना चेहरा बन गए। प्रसून जोशी उस वक्त सूर्खियों में आए जब उन्होंने साल 2017 में ब्रिटेन की राजधानी लंदन में प्रधानमंत्री मोदी का लगभग डेढ़ घंटे का इंटरव्यू लिया। जिसके साथ ही प्रसून जोशी पहले ऐसे लेखक और कवि बन गए जिसने प्रधानमंत्री का सबसे बड़ा इंटरव्यू लेने का रिकॉर्ड बनाया। इसके अलावा प्रसून केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं मसलन मेक इन इंडिया का हिस्सा भी हैं। उन्होंने कई योजनाओं और पीएम मोदी के विदेशी कैंपेन के लिए जिंगल्स भी डिजाइन किए हैं, जो उनकी टैगलाइनों की तरह ही आम जनता बेहद खास है।
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